लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में https://lyrics-of-shiv-chalisa-in31335.shopping-wiki.com/8630820/about_shiv_chalisa