तेल नीर, तेल पसार चैरासी सहस्र डाकिनीर छेल, शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। ← वशीकरण करने के तरीके – वशीकरण के उपाय और टोटके – vasheekaran karane ke tareeke – vashikaran ke upay aur totake The advantages of Raj Mohini https://baglamukhi41739.livebloggs.com/41108254/vashikaran-totka-options